MRP full form: MRP का Full Form क्या है 2020 पूरी जानकारी

आज मैं आप को बताऊंगा की MRP का फुल फॉर्म क्या है और यह क्या है जब कभी आप कोई भी छोटा या बड़ा product खरीदते है तो उसके box पर या किसी भी प्रकार के पैकेट पर आपने एक चीज देखा होगा वहाँ पर MRP rs(rate) लिखा होता है MRP के just बाद ही उस product का rate लिखा होता है। लेकिन rate तो rate है इसलिए product मे खाली Rs लिखा होना चहिए लेकिन MRP वहाँ क्यों लिखा होता है यह क्या है mrp full form क्या है आज पूरी जानकारी दूंगा।

mrp full form
mrp ka full form kya hai

आखिर MRP क्या है और इसका full form क्या है और MRP क्यों लिखा होता है ऐसे बहुत सारे सवाल आपके मन में आएं होंगे क्योंकि आपको भी MRP के बारे में कुछ नहीं पता है और आप भी mrp ka full form kya hai और  mrp की पूरी जानकारी जानना चाहते हैं तो इस Article को ध्यान से अंत तक पढ़िएगा। आज हम इन्ही सब चीजों पर चर्चा करेंगे की mrp क्या है mrp का full form क्या है और mrp हर छोटे से बड़े product में क्यों लिखा होता है mrp के बारे मे आपको ये सब चीजें नही पता होगी ।

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MRP क्या है ? MRP का full form क्या है

पहले जब भी कोई company अपना product निकालती थी दुकान दार वह company से एक दाम में लेकर customer को मन चाहे दाम में बेचता था इसीलिए 2006 में government की तरफ से एक नियम आया की हर product में mrp (maximum retail price) होना आनिवार्य है क्योंकि MRP के चलते वह दुकानदार उस product का दाम जितना भी बढ़ाए लेकिन MRP से ज्यादा नहीं बढ़ा सकता है क्योंकि वो inlegal है। अगर retailer कोई product MRP से ज्यादा में बेचता है तो आप उसके खिलाफ action ले सकते हैं। 

product का mrp उसका निर्माता सामान में कुल लागत को जोड़ कर तय करता है किसी भी product को retailer उसके  mrp price से ज्यादा price में नहीं बेच सकता है। 
 
Retailer को product mrp price से कम में मिलता है इस लिए वो चाहे तो अपना profit निकाल कर mrp से कम में sell कर सकता है। 

Mrp government के एक रूल के अनुसार लिखा जाता है mrp rs हर product में लिखना अनिवार्य है आइए जानते हैं की mrp का फुल फॉर्म क्या है।

Mrp ka full form kya hai?

MRP full form

MRP का Full Form Maximum Retail price है हिन्दी में इसका full form ज्यादा से ज्यादा या अधिकतम खुदरा मूल्य है।

MRP:   Maximum retail price

M: maximum

R: retail

P: price

Mrp full form video

[su_youtube url=”https://youtu.be/hesLf2teJXs”]

MRP के फायदे और नुकसान

दोस्तों आपको MRP का full form तो पता चल ही गया होगा लेकिन अब हमे Mrp के फायदे और नुकसान के बारे में जानना है सबसे पहले हम MRP के फायदे और फिर नुकसान के बारे में जानेगें। 

एम आर पी के फायदे

दोस्तों आपने देखा होगा की india मे सभी product के box पर MRP price लिखा होता है क्योंकि 2006 के government law के अनुसार को भी कम्पनी अपने product का एम आर पी decide किये बिना वो अपने product को market में नहीं ला सकती है । 

2006 से पहले mrp नहीं था तो दुकानदार customer से अपने मर्जी का दाम लेता था।

MRP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कोई भी retailer कोई भी product एम आर पी price से ज्यादा में नहीं बेच सकता है एम आर पी price से ज्यादा में product बेचना inligal है । 

 एमआरपी प्राइस से ज्यादा मैं प्रोडक्ट बेचना कानूनी अपराध है अगर कोई ऐसा करता है तो अब उसके खिलाफ आप सख्त से सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। 

 अगर उसमें रिटेलर दोषी पाया जाता है तो उसे जेल हो भी सकती है या उसके ऊपर जुर्माना लगाया जा सकता है तो आप समझ गए होंगे की एमआरपी के क्या फायदे हैं चलिए अब जैसे मैंने फायदे बताए हैं उसी तरह एमआरपी के कुछ नुकसान है   उसे भी हमें जान लेना चाहिए। 

Mrp के नुकसान

ऊपर मैंने एमआरपी के फायदे बता दिए हैं अब हमें एमआरपी के नुकसान के बारे में जानना है। 

वैसे तो MRP के कुछ खास नुकसान नहीं है बात करें customer की तो customer के लिए mrp के कोई नुक्सान नहीं है एम आर पी जो भी नुकसान है वो retailer का मतलब दुकानदार का है। 

मान लिजिए कोई retailer कोई product stoke में मंगाता है और उसका product खरीदने का पैसा, टैक्स और shipping charges मिलाकर उस product के price की average value एम आर पी price (maximum retail price)  से ज्यादा हो जाती है तो उसमें दुकान वाले का नुकसान होता है क्योंकि वो एम आर पी price से ज्यादा में उस product को नहीं बेच सकता लेकिन दुकान वाले का उस product को लाने मे ज्यादा पैसा लगा। 

वैसे ऐसा होता बहुत कम है क्योंकि प्रोडक्ट का एम आर पी सभी tax और shipping charge और profit जोड़ कर निर्धारित किया जाता है।

लेकिन कभी कभी mrp कम और retailer (दुकान वाले) की लगत ज्यादा हो जाती है लेकिन उसे समान mrp रेट में ही बेचना पड़ता है। तब उसका नुकसान हो जाता है। 

MRP कौन तय करता है ? 

किसी भी product का mrp तय करना उसके मालिक के हाथ मे होता है product का मालिक ही उसका mrp तय करता है वो product बनाने मे जो लगता लगी है और किसी व्यापारी या दुकानदार का product sell के लिए ले जाने में जो खर्च लगा और profit जोड़ कर mrp तय किया जाता है। 

MRP का लक्ष्य और उद्देश्य

2006 से पहले जब mrp नही था तो Retailer company से product ला कर customers को सामान दो गुने तीन गुने पैसे मे बेच देता था खासकर village area मे retailer सामान बहुत महंगे दामों बेचकर लोगों से ज्यादा पैसे लेता था यही सब देखते हुए MRP लाया गया जिससे जिस product का जितना दाम रखा गया है consumer को उतने ही दाम में वो product मिल सके। 

MRP का सबसे बड़ा उद्देश्य product उसके consumer को सही दाम में देना है। 

तो दोस्तों यह  थी हमारी आज की पोस्ट जिसमें मैंने आपको बताया mrp kya hai और इसका फुल फॉर्म क्या है एमआरपी से जुड़ी सभी जानकारियां मैंने आप को इस पोस्ट में दे दी है। 

इस पोस्ट मैं मैंने विस्तार से बता दिया है की एमआरपी क्या होता है उम्मीद है आप समझ गए होंगे एमआरपी के बारे में आपको सारी जानकारी मिल गई होगी आशा करते हैं आप आपके मन में एमआरपी को लेकर कोई भी शंका नहीं होगी।

हम आपसे यह भी आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट MRP ka full form kya hai पसंद आई होगी अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो अपने मित्रों के साथ हमारी पोस्ट को शेयर करना ना भूलें और अगर आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई सवाल है कि नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करना ना भूलें कमेंट करने के बाद मैं आपके सवाल का जवाब दे दूंगा। 

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